
महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार आज अपना मंत्रिमंडल विस्तार करने वाली है। फडणवीस मंत्रिमंडल के इस विस्तार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता छगन भुजबल मंत्री पद की शपथ लेंगे। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन सुबह 10 बजे राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में एनसीपी कोटे के मंत्री छगन भुजबल को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। महाराष्ट्र की राजनीति में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सबसे बड़े चेहरों में से एक छगन भुजबल ने भी इसकी पुष्टि की है।
छगन भुजबल ने मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि मुझे इस संबंध में जानकारी दे दी गई है। शपथ ग्रहण के समय की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह मंगलवार सुबह 10 बजे होगा। छगन भुजबल के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार भी मौजूद रहेंगे। राजभवन में इस शपथ ग्रहण समारोह के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। छगन भुजबल फडणवीस सरकार में एनसीपी (अजित पवार) कोटे से मंत्री होंगे।
गौरतलब है कि वरिष्ठ राकांपा नेता छगन भुजबल भी पिछली महायुति सरकार में मंत्री थे। एनसीपी के कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले भुजबल को नई सरकार में भी मंत्री बनना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भुजबल को देवेंद्र फडणवीस मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई। 77 वर्षीय नेता ने इस पर खुलकर अपनी नाखुशी जाहिर की थी और अजित पवार पर भी निशाना साधा था। छगन भुजबल नासिक जिले की येओला विधानसभा सीट से विधायक हैं।
धनंजय मुंडे को मंत्री पद मिल रहा है
छगन भुजबल को धनंजय मुंडे के स्थान पर देवेंद्र फडणवीस मंत्रिमंडल में शामिल किया जा रहा है। गौरतलब है कि धनंजय मुंडे ने मार्च महीने में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके पास खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की जिम्मेदारी थी। बीड में एक सरपंच की हत्या में उनके एक सहयोगी का नाम आने के बाद से धनंजय मुंडे पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया था। धनंजय मुंडे के सहयोगी वाल्मीकि कराड का नाम बीड सरपंच देशमुख की हत्या के मामले में आया था।
ज्ञात हो कि पिछले साल दिसंबर 2024 में जब कैबिनेट विस्तार में मंत्री पद नहीं दिया गया तो छगन भुजबल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी। इसके बाद भुजबल ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए दावा किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने की वकालत की थी, लेकिन कुछ कारणों से उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। छगन भुजबल की यह नाराजगी पार्टी के अंदर और बाहर चर्चा का विषय बन गई।