अखिलेश पर मायावती का पलटवार, दलितों और मुसलमानों से कहा- सपा को एक भी वोट नहीं दें
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बहुजन समाज को बसपा को वोट नहीं देने की सपा प्रमुख अखिलेश यादव की अपील के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने पलटवार किया है। मायावती ने गुरुवार को दलितों. मुसलमानों और वंचित वर्गों से सपा को लोकसभा चुनाव में एक भी वोट नहीं देने का आह्वान किया।

सपा प्रमुख के चुनावी क्षेत्र कन्नौज में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बसपा अध्यक्ष ने याद किया कि कैसे अखिलेश यादव ने अपनी सरकार के दौरान उन जिलों के नाम बदल दिए थे, जिनका नाम दलित, शोषित और पिछड़ा वर्ग में जन्मे महापुरुषों के नाम पर रखा गया था। उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जताया कि सपा ने बड़ी मुस्लिम आबादी वाले निर्वाचन क्षेत्र में एक मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा क्योंकि वह एक परिवार से परे नहीं सोच सकती।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब बसपा उत्तर प्रदेश में सत्ता में थी, तब मैंने बहुत काम किया और समाज के दबे-कुचले तबके में जन्मे महापुरुषों के नाम पर जिलों, पार्कों और संस्थानों के नाम गए थे लेकिन सपा प्रमुख यादव ने सत्ता में आते ही उनके नाम बदल दिए।

उन्होंने कहा कि जब बसपा सत्ता में थी, तो वाराणसी से अलग कर एक नया जिला भदोही बनाया गया और उसका नाम संत रविदास के नाम पर रखा गया। वह भी अखिलेश यादव ने बदल दिया, दलित शोषित पिछड़े वर्ग के संतों, गुरुओं और महापुरुषों के प्रति इतनी नफरत। उन्हें किसने अधिकार दिया, उन्हें क्या अधिकार है कि वह दलितों और वंचितों से समाजवादी पार्टी को वोट देने के लिए कहें। आपको ऐसी पार्टी को वोट नहीं देना चाहिए और उन्हें माफ भी नहीं करना चाहिए।कन्नौज से अपनी पार्टी के उम्मीदवार इमरान बिन जफर का लोगों से परिचय कराते हुए मायावती ने कहा कि जब उन्होंने उन्हें मैदान में उतारा और समाजवादी पार्टी को इसकी जानकारी हुई तो सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा के निर्देश पर टिकट दिया गया है । उन्होंने कहा कि यहां मुस्लिम आबादी बड़ी है लेकिन सपा मुसलमानों को टिकट नहीं देती है।

बसपा नेता ने कहा कि केवल अपने परिवार के यादवों को सपा परिवार ने चुनाव मैदान में उतारा है। हमने मुसलमानों को अधिकार दिया, वे इसे पचा नहीं पाए। मुसलमानों को यह याद रखना चाहिए और उन्हें सपा को एक भी वोट नहीं, बल्कि केवल बसपा उम्मीदवार को वोट देना चाहिए।उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि चूंकि दलित और अति पिछड़े उनके (बसपा) पक्ष में जाएंगे और अगर मुस्लिम वोट भी बिना किसी विभाजन के उनके पास आ जाएगा, तो यहां परिणाम कुछ और होगा। मायावती ने कहा कि हाल ही में उच्चतम न्यायालय में चुनावी बॉण्ड का मामला आया और पता चला कि कांग्रेस, भाजपा और अन्य पार्टियों ने बॉण्ड के जरिए पूंजीपतियों से करोड़ों रुपये का चंदा लिया है, लेकिन आपने बसपा का नाम कहीं नहीं देखा होगा। बसपा ने किसी भी पूंजीपति या धन्ना सेठ से एक भी रुपया नहीं लिया।उन्होंने लोगों से केंद्र सरकार द्वारा बांटे जा रहे मुफ्त राशन को लेकर भाजपा या आरएसएस संघ के बहकावे में न आने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह भाजपा या मोदी अपनी जेब से नहीं बल्कि लोगों के टैक्स से दे रहे हैं। यह भाजपा या आरएसएस की मेहरबानी नहीं है।बसपा प्रमुख ने चुनावी रैली के दौरान इटावा से सारिका सिंह बघेल और फर्रुखाबाद से क्रांति पांडे के लिए भी जनता से समर्थन मांगा। चौथे चरण में 13 मई को कन्नौज, इटावा और फर्रुखाबाद में मतदान होना है।

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