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दिल्ली पुलिस ने एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार कर उसे बांग्लादेश वापस भेज दिया है. ये 2022 से दिल्ली में अवैध रूप से रह रहा था. 50 साल का फिरोज मुल्ला बांग्लादेश के मदारिपुर जिले के साहिब का हत्त गांव का निवासी है. इससे पहले फिरोज 1990 से 2004 तक दिल्ली के ढोलक बस्ती, यमुना पुस्ता में अवैध रूप से रह चुका था.साल 2004 में उसे बांग्लादेश भेज दिया गया था. इसके बावजूद उसने साल 2022 में दिल्ली आकर कई दुकानों और ढाबों पर काम करने लगा था. दिल्ली पुलिस की आरके पुरम थाना टीम ने अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों का पता लगाने और अपराधों की रोकथाम के लिए एक स्पेशल ऑपरेशन चलाया. इस ऑपरेशन के तहत पुलिस टीम ने और जानकारी इकट्ठा करने के लिए निर्देश दिया है.
पूछताछ में हुआ खुलासा
27 दिसंबर 2024 की सुबह पुलिस को सूचना मिली कि एक बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से दिल्ली में रह रहा है. इन दिनों वो एक कमरा किराए पर लेने के लिए तलाश कर रहा है. सूचना मिलते ही पुलिस ने कार्रवाई की और फिरोज मुल्ला को गिरफ्तार कर लिया. शुरुआती पूछताछ में उसने बांगलादेशी होने की बजाय खुद को पश्चिम बंगाल का निवासी बताया, लेकिन आगे की पूछताछ में उसने अपना असली पता साहिब का हत्त, मदारिपुर, बांग्लादेश बताया.
कौन है फिरोज मुल्ला?
फिरोज मुल्ला ने बताया कि वह बांग्लादेश में पैदा हुआ और वहीं पला-बढ़ा है. 1990 में उसके माता-पिता अवैध रूप से भारत आकर दिल्ली के ढोलक बस्ती, यमुना पुस्ता में बस गए थे. जब उसके माता-पिता 2002 में बांग्लादेश वापस लौटे, तब उसने दिल्ली में रहना जारी रखा. साल 2004 में उसे बांग्लादेश भेज दिया गया, लेकिन उसने 2022 में फिर से भारत में अवैध रूप से रहने लगा और दिल्ली में कई दुकानों और ढाबों में काम करने लगा.
दिल्ली पुलिस के लिए बड़ी सफलता
फिरोज मुल्ला का मामला भारत में अवैध इमीग्रेशन के बढ़ते खतरे को उजागर करता है. बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत आने वाले नागरिकों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे लोग कई बार अपनी पहचान छिपाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हैं. बढ़ते इमीग्रेशन को रोकने के लिए पुलिस कार्रवाई कर रही है.
फिरोज मुल्ला का गिरफ्तार होना दिल्ली पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है. पुलिस को इस तरह के मामलों की पहचान करने के लिए लगातार अपने खुफिया तंत्र को मजबूत करना होगा. साथ ही सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करना होगा. इसके अलावा, आम नागरिकों से भी सहयोग की आवश्यकता है ताकि संदिग्ध गतिविधियों की सूचना दी जा सके और इस तरह के अवैध प्रवासियों को पकड़ा जा सके.

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