आदमपुर एयरबेस पहुंचकर पीएम मोदी ने सेना के जज्बे को किया सलाम, पाकिस्तान के झूठ को किया बेनकाब
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि भारत न केवल अपने वीर जवानों के साथ खड़ा है, बल्कि झूठ और प्रोपेगैंडा फैलाने वाले देशों को वैश्विक मंच पर बेनकाब करने में भी पीछे नहीं रहता। मंगलवार को पीएम मोदी ने पंजाब (Punjab) के आदमपुर एयरबेस का दौरा किया, जो हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के कारण चर्चा में रहा। इस दौरे के जरिए प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान द्वारा फैलाए गए झूठ का पर्दाफाश करते हुए दुनिया को यह संदेश दिया कि भारत की सुरक्षा व्यवस्था और सैन्य ताकत पूरी तरह सतर्क और सक्षम है।
पाकिस्तान के झूठ पर करारा जवाब
हाल ही में पाकिस्तान ने यह दावा किया था कि उसने भारत के सिरसा और आदमपुर एयरबेस को नुकसान पहुंचाया है। पाकिस्तान के इस फर्जी दावे पर भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 11 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जवाब देते हुए कहा था कि पाकिस्तान के सभी दावे निराधार और मनगढंत हैं। प्रेस ब्रीफिंग के दौरान इन एयरबेस की तस्वीरें भी दिखाई गई थीं, जिससे यह साबित हो गया कि दोनों एयरबेस पूरी तरह सुरक्षित हैं और वहां कोई नुकसान नहीं हुआ है। अब खुद प्रधानमंत्री मोदी का आदमपुर एयरबेस पहुंचना इस बात का संकेत है कि भारत किसी झूठे प्रोपेगैंडा से डरने वाला नहीं है और जो देश इस तरह की हरकतें करते हैं, उन्हें जवाब देने का भारत के पास साहस भी है और सामर्थ्य भी।
सेना के जवानों से मुलाकात और संवाद
पीएम मोदी मंगलवार सुबह आदमपुर एयरबेस पहुंचे, जहां उन्होंने भारतीय वायुसेना के जांबाज जवानों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने जवानों से बातचीत की और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जानकारी भी ली। सेना के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को मौजूदा हालात, ऑपरेशन की रणनीति और उसकी सफलता के बारे में विस्तार से बताया। इस दौरे की कई तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें एक तस्वीर खास चर्चा में है। इस तस्वीर में पीएम मोदी के पीछे भारतीय लड़ाकू विमान खड़ा है और उसके ऊपर लिखा है – “क्यों दुश्मनों के पायलट ठीक से सो नहीं पाते?” यह संदेश न सिर्फ आत्मविश्वास से भरा है, बल्कि भारत की वायुसेना की ताकत को दर्शाता है।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की रणनीतिक सर्जिकल स्ट्राइक
भारत सरकार ने 06-07 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) में आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी। यह कार्रवाई पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी। इस हमले में कई आतंकियों के मारे जाने की खबर है और भारत ने कुल 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत ने इस स्ट्राइक में न तो किसी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना बनाया और न ही किसी आम नागरिक को नुकसान पहुंचाया। इससे यह स्पष्ट हो गया कि भारत का उद्देश्य केवल आतंक के खिलाफ लड़ाई है, न कि किसी देश की जनता के खिलाफ। इस ऑपरेशन को ‘सिंदूर’ नाम दिया गया, जो भारतीय संस्कृति में विजय और शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
पाकिस्तान को दिया सख्त संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश को संबोधित करते हुए पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा, “भारत का मत बिल्कुल स्पष्ट है – टेरर और टॉक साथ नहीं चल सकते। टेरर और ट्रेड एक साथ नहीं हो सकते और पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकते।”उन्होंने यह भी कहा कि यदि पाकिस्तान को भारत से कोई बातचीत करनी है, तो वह केवल आतंकवाद पर होगी और वह भी सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के मुद्दे पर। पीएम मोदी के इन बयानों से यह स्पष्ट हो गया कि भारत अब आतंकवाद को लेकर किसी तरह की ढील देने के मूड में नहीं है और वह हर मोर्चे पर आक्रामक रवैया अपनाने को तैयार है।
पाकिस्तान के फर्जी दावों की पोल खुली
पाकिस्तान के प्रोपेगैंडा को पीएम मोदी के दौरे ने पूरी तरह उजागर कर दिया है। पाकिस्तान ने आदमपुर एयरबेस को नुकसान पहुंचाने का दावा कर यह साबित करने की कोशिश की थी कि उसने भारत को जवाब दिया है, लेकिन वास्तविकता इसके ठीक उलट निकली। न सिर्फ आदमपुर एयरबेस पूरी तरह सुरक्षित है, बल्कि वहां की स्थिति इतनी सामान्य है कि खुद प्रधानमंत्री वहां पहुंचे और जवानों से संवाद किया।
सेना का हौसला बढ़ाया
प्रधानमंत्री का यह दौरा भारतीय सेना के जवानों के लिए भी एक बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला कदम रहा। जब देश का सर्वोच्च नेता खुद जमीनी हालात देखने पहुंचता है, तो यह जवानों के हौसले को नई ऊंचाई देता है। पीएम मोदी ने अपने संदेशों में बार-बार सेना के साहस और समर्पण की सराहना की, जिससे यह संदेश गया कि सरकार सेना के हर कदम के साथ खड़ी है। ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का एक और प्रमाण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आदमपुर एयरबेस दौरा न केवल पाकिस्तान के झूठे दावों की पोल खोलने वाला था, बल्कि यह भारत के सैन्य शक्ति, आत्मविश्वास और रणनीतिक तैयारी का प्रतीक भी बन गया है। इस दौरे ने देशवासियों को यह भरोसा दिलाया कि जब तक देश में ऐसे साहसी जवान हैं और उनके साथ ऐसी नेतृत्व शक्ति है, तब तक भारत की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं।

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