गठबंधन का सवाल ही नहीं; किसी को भाव नहीं दे रही इमरान खान की पार्टी, नतीजों से है गदगद
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पाकिस्तान में हुए आम चुनाव के नतीजे आने लगे हैं। इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) बढ़त बनाए हुए है। नतीजों में बेहतर कर रही पीटीआई ने पाकिस्तान में सरकार बनाने का दावा किया है।

पीटीआई का कहना है कि वह सरकार बनाने में नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के साथ गठबंधन नहीं करेगी। जेल में बंद इमरान खान की पार्टी को बाहर से चला रहे बैरिस्टर गोहर ने जियो न्यूज को बताया कि वह पीएमएल-एल के संपर्क में नहीं है। उन्होंने दावा किया कि पीटीआई 150 नेशनल असेंबली सीटें जीत रही है और केंद्र में सरकार बनाने के लिए आवश्यक सीटें हासिल करने में सक्षम होगी।।

बैरिस्टर गौहर अली खान ने कहा, ”हम पीपीपी और पीएमएल-एन के साथ गठबंधन सरकार बनाने का इरादा नहीं रखते हैं। हम केंद्र के साथ-साथ पंजाब में सरकार बनाएंगे।” पीटीआई ने खैबर पख्तूनख्वा में भी सरकार बनाने का दावा किया। उन्होंने कहा कि पीटीआई को खैबर पख्तूनख्वा में स्पष्ट बढ़त हासिल है और वह वहां भी सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा की पीटीआई केंद्र में रहेगी और अपनी भूमिका निभाएगी।

इमरान के उम्मीदवारों को बढ़त
पाकिस्तान में धांधली और छिटपुट हिंसा के आरोपों के बीच संपन्न आम चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों को बढ़त मिलती प्रतीत हो रही है। निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने बृहस्पतिवार को मतदान संपन्न होने के 10 घंटे से अधिक समय बाद शुक्रवार देर रात चुनावी परिणाम की घोषणा शुरू की और मतगणना अभी जारी है। विभिन्न दलों, खासकर पीटीआई की आलोचना के बाद ईसीपी ने सुबह से नतीजे अद्यतन करने की गति तेज की। जिन बड़े नेताओं ने जीत हासिल कर ली है उनमें पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ, उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ, शहबाज शरीफ के बेटे हमजा शहजाद और शरीफ की बेटी मरियम नवाज शामिल हैं।

ईसीपी के अनुसार, पीटीआई नेताओं गौहर अली खान और असद कैसर ने भी जीत हासिल की। पीपीपी नेता आसिफ अली जरदारी और उनके बेटे बिलावल भी अपनी-अपनी सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं। पाकिस्तान में इस चुनाव के लिए दर्जनों दल मैदान में उतरे हैं लेकिन मुख्य मुकाबला इमरान खान की पार्टी पीटीआई, तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) और बिलावल जरदारी भुट्टो की ‘पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी’ (पीपीपी) के बीच है।

बहुमत के लिए चाहिए 133 सीट
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जेल में हैं और उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध है। इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रत्याशी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं क्योंकि देश के उच्चतम न्यायालय ने उनकी पार्टी को उसके चुनाव चिह्न क्रिकेट का ‘बल्ला’ से वंचित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को बरकरार रखा था। नेशनल असेंबली की 336 सीट में से 266 पर ही मतदान कराया जाता है लेकिन बाजौर में, हमले में एक उम्मीदवार की मौत हो जाने के बाद एक सीट पर मतदान स्थगित कर दिया गया था। अन्य 60 सीट महिलाओं के लिए और 10 अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं और ये जीतने वाले दलों को आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर आवंटित की जाती हैं। नयी सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 265 सीट में से 133 सीट जीतनी होंगी।

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