धीमा जहर दे मार सकते हैं, दो बार हो चुकी हत्या की कोशिश
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का दावा है कि उन्हें जेल में ही मारने की कोशिश की जा सकती है। इस दावे के पक्ष में इमरान खान ने कहा कि उन्हें धीमा जहर दिया जा सकता है। इमरान खान का मानना है कि उनके साथ ऐसा इसलिए किया जा रहा क्योंकि उन्होंने देश छोड़ने से इनकार कर दिया है।

सिफर मामले में जेल की सजा काट रहे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा, “चूंकि मैं अपना देश छोड़ने के लिए राजी नहीं हूं, इसलिए निश्चित रूप से उनके (पीटीआई की विरोधी पार्टी के नेता) लिए खतरा है। वे मेरे जेल में रहने के दौरान मुझे मारने का प्रयास करने की कोशिश करेंगे। मुझे धीमा जहर देने का प्रयास किया जा सकता है।”

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख ने कहा कि इस वक्त वह पूरी तरह से ठीक हैं। उन्होंने कहा, “यदि कमजोरी के कारण मेरे शरीर में बदलाव होगा तो यह मुझे महसूस होगा। लेकिन वे मेरी जान लेने की सरेआम दो कोशिशें कर चुके हैं।” एक्स पर किये गए पोस्ट के जरिये इमरान खान ने यह दावा ऐसे दिन किया है, जब पाकिस्तान में एक अदालत ने राजनयिक दस्तावेज मामले में उनकी जमानत याचिका और पहली प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध खारिज कर दिया।

पिछले साल मार्च में वाशिंगटन में देश के दूतावास द्वारा भेजे गए एक गुप्त राजनयिक केबल (सिफर) का खुलासा करने के लिए उनके खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद खान को अगस्त में गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने सोमवार को इस मामले में उनके करीबी सहयोगी और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी के साथ उन्हें दोषी ठहराया।

इमरान खान ने अगस्त में संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) द्वारा दर्ज एफआईआर रद्द करने और इस मामले में जमानत के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया था। मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसे शुक्रवार को सुनाया गया। यह मामला मार्च 2022 में वाशिंगटन में पाकिस्तानी दूतावास द्वारा भेजे एक दस्तावेज के बारे में है जिसे खान ने पिछले साल अप्रैल में यह कहते हुए राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश की थी कि यह उन्हें सत्ता से उखाड़ फेंकने की विदेशी साजिश का सबूत है। खान और कुरैशी ने आरोप स्वीकार नहीं किए हैं।

संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने 30 सितंबर को खान तथा कुरैशी के खिलाफ आरोपपत्र पेश किया था। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को मामले में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली खान की याचिका खारिज कर दी थी। अदालत को खान को पहले 17 अक्टूबर को दोषी ठहराया था लेकिन खान के वकीलों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि उन्हें आरोपपत्र की प्रतियां उपलब्ध नहीं करायी गयी हैं।

खान को अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव लाकर सत्ता से बाहर कर दिया गया था। इस्लामाबाद की एक अदालत ने उन्हें तोशाखाना मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी जिसके बाद उन्हें इस साल पांच अगस्त को जेल में डाल दिया गया। वह अटक जिला जेल में हैं। बाद में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी सजा निलंबित कर दी लेकिन उन्हें गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें बाद में अदियाला जेल ले जाया गया। पिछले साल अप्रैल में सत्ता से बाहर होने के बाद से खान के खिलाफ 150 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।

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