पशुपति पारस नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव, खुद को बताया मोदी का परिवार, हाजीपुर में चिराग का रास्ता सा
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बिहार एनडीए में सीट बंटवारे से नाराज आरएलजेपी सुप्रीमो पशुपति पारस मान गए हैं। उन्होंने अपनी पार्टी को एनडीए का अंग बताया है। पशुपति कुमार पारस ने ऐलान कर दिया है कि बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर एनडीए की जीत के लिए उनकी पार्टी समर्थन करेगी।इतना ही नहीं उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल का फिर से बदलकर बायो ‘मोदी का परिवार’ टैग जोड़ लिया है। लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बिहार में सीट शेयरिंग में चिराग पासवान को तरजीह देने और उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं दिए जाने से नाराज पशुपति कुमार पारस ने पिछले दिनों नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
शनिवार को अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि हमारी पार्टी रालोजपा, एनडीए का अभिन्न अंग है और माननीय प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी हमारे भी नेता हैं। पशुपति कुमार पारस ने आगे लिखा कि पीएम मोदी का निर्णय हमारे लिए सर्वोपरि है एवं उनके नेतृत्व में पूरे देश में 400+ सीट जीतकर तीसरी बार रिकॉर्ड तोड़ बहुमत से NDA की सरकार बनेगी। एक अन्य ट्वीट करके उन्होंने जोड़ा है कि बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर विजय प्राप्त करने में हमारी पार्टी का पूर्ण समर्थन है और रहेगा।
पशुपति कुमार पारस के इस ऐलान के साथ ही हाजीपुर लोकसभा सीट पर लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पारस के भतीजे चिराग पासवान का रास्ता साफ हो गया है। पारस ने एक साल से पहले ही हाजीपुर सीट से 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। इस सीट पर वे खुद को रामविलास पासवान का उत्तराधिकारी मानते थे। केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद भी उन्होंने हाजीपुर सीट से ही अपनी उम्मीदवारी की दावेदारी कर दी थी। काफी समय से चाचा भतीजा के बीच चल रहा सियासी जंग सुर्खियों में है।लोकसभा चुनाव के सीट बंटवारे में यह विवाद चरम पर तब पहुंच गया जब बीजेपी ने हाजीपुर समेत पांच लोकसभा सीट चिराग की झोली में डाल दिया और पशुपति कुमार पारस की पार्टी रालोजपा को एक भी सीट नहीं दी। ऐसा तब किया गया था जब 2019 में लोजपा से जीते तीन सांसद प्रिंस पासवान(भतीजा), महबूब अली कैसर, चंदन सिंह पारस के साथ थे। पहले वैशाली सांसद वीणा देवी भी पारस गुट में थीं लेकिन सीट शेयरिंग से कुछ दिन पहले उन्होंने चिराग का दामन थाम लिया था। सीट बंटवारे में झुनझुना मिलने पर महबूब अली कैसर भी चिराग के मिलने उनके घर गए थे। अब जब पशुपति कुमार पारस मान गए हैं और बिहार की सभी 40 सीटों पर एनडीए को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है तो इसका फायदा चिराग पासवान को मिलेगा।

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