पहले वैगनर चीफ और अब नवलनी, कैसे रूस में खत्म हो रहे पुतिन के विरोधी; अब तक कितने निपटे
Sharing Is Caring:

रूस में विपक्षी नेता एलेक्स नवलनी की जेल में मौत हो गई। वह पुतिन के आलोचक थे और कुछ समय पहले भी उन्हें जहर देकर मारने की कोशिश हुई थी। वैसे यह पहली बार नहीं है जब रूसी राष्ट्रपति के किसी आलोचक की इस तरह से संदिग्ध मौत हुई है।

ज्यादा दिन नहीं बीते जब वैगनर चीफ एक प्लेन क्रैश में मारे गए थे। 23 साल के पुतिन के शासनकाल में क्रेमलिन के आलोचकों को अलग-अलग तरीकों से मौत के घाट उतारा जा चुका है। इसमें पत्रकार से लेकर जासूस तक शामिल रहे हैं। आइए डालते हैं एक नजर…

संदिग्ध मौतों का सिलसिला
रूस में पुतिन विरोधियों को मौत के घाट उतारने के लिए ऐसे तरीके अमल में लाए जाते हैं जिससे संदिग्ध मौत पर भी किसी को शक न हो। पुतिन के एक ऐसे ही विरोधी, एलेक्जेंडर लित्विनेको को लंदन में साल 2006 में जहर देकर मारा गया था। बाद में ब्रिटिश जांच में भी यही बात आई थी कि रूसी एजेंट्स ने लित्विनेको को पुतिन की मर्जी से मौत के घाट उतारा था। इसी तरह एक पूर्व रूसी मिलिट्री इंटेलीजेंस अफसर सर्गेई स्क्रिपल को भी जहर दिया गया था। इसी तरह दो लेखकों दिमित्री बाइकोव और पायोत्र वर्जिलोव को भी जहर दिया गया। इसी तरह क्रेमलिन विरोधी तीन रूसी पत्रकारों को अन्य देशों में जहर देकर मार डाला गया था।

पूर्व डिप्टी पीएम को भी नहीं बख्शा
इसी तरह साल 2006 में अन्ना पोलिटकोव्स्काया, जिसने ह्यूमन राइट्स के उल्लंघन संबंधी खबरें लिखी थीं, उसने मॉस्को में घर के बाहर गोली मार दी गई थी। कुछ इसी तरह से एक प्रॉमिनेंट विपक्षी नेता बोरिस नेम्तसोव को भी सेंट्रल मॉस्को में गोलियों से भून दिया गया था। यह घटना साल 2015 की है। वह राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन के कार्यकाल में डिप्टी प्राइम मिनिस्टर रह चुके थे। साल 2013 में बोरिस बेरेजोव्स्की को अपने घर के बाथरूम में फंदे से लटकते पाया गया। बोरिस पहले क्रेमलिन के इनसाइडर थे जो बाद में पुतिन के आलोचक हो गए थे। इसी तरह क्रेमलिन के एक अन्य इनसाइडर मिखाइल लेसिन साल 2015 में वॉशिंगटन डीसी के एक होटल के कमरे में मृत पाए गए थे। लेसिन कभी पुतिन को उभारने वाली शख्सियतों में शुमार थे।

विरोधी आवाज पसंद नहीं
सबसे खतरनाक मौत किरिल स्ट्रेमॉसोव की रही जो यूक्रेन के खेरासन प्रांत रूस द्वारा डिप्टी गवर्नर नियुक्त किए गए थे। जानकारी के मुताबिक उनकी मौत एक कार हादसे में हुई थी। स्ट्रेमॉसोव अपने मुखर बयानों और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं के लिए जाने जाते थे। एक ऐसे ही वीडियो में स्ट्रेमॉसोव ने रूस के रक्षामंत्री को कहा था कि वह खुद को गोली मार लें। माना जा रहा है कि स्ट्रेमॉसोव के इस बयान के बाद रूसी सरकार उनसे छुटकारा पाने की फिराक में थी। रूसी सरकार के एक अन्य महत्वपूर्ण विपक्षी नेता व्लादिमीर कारा-मुर्जा को भी 2015 और 2017 में जहर देकर मारने की कोशिश हुई थी।

Sharing Is Caring:

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *