पाकिस्तान की सीमा से लगे पंजाब के चार जिलों के स्कूल अभी भी बंद
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भारत-पाक संघर्ष विराम की घोषणा के बाद भी पाकिस्तान की सीमा से सटे पंजाब के चार जिलों में स्कूल अभी भी बंद हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि गुरदासपुर को छोड़कर पाकिस्तान की सीमा से लगे पंजाब के इन जिलों में एहतियात के तौर पर मंगलवार को स्कूल बंद रहेंगे।

सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के तुरंत बाद अमृतसर, पठानकोट, जालंधर और होशियारपुर में अधिकारियों ने लोगों से जरूरी न होने पर बाहर निकलने से बचने की अपील की और सेना के अधिकारियों से निर्देश मिलने के बाद आंशिक ब्लैकआउट लागू कर दिया। जालंधर में सोमवार शाम को सशस्त्र बलों ने एक निगरानी ड्रोन को मार गिराया।

जालंधर के डिप्टी कमिश्नर हिमांशु अग्रवाल ने कहा, “मुझे बताया गया है कि मंड गांव के पास रात करीब 9.20 बजे सशस्त्र बलों ने एक निगरानी ड्रोन को मार गिराया। विशेषज्ञों की एक टीम मलबे की तलाश कर रही है।” बाद में अग्रवाल ने कहा कि रात 10 बजे के बाद जालंधर में कोई ड्रोन गतिविधि नहीं हुई। रात 10.45 बजे एक संदेश में उन्होंने लोगों को मलबे के पास न जाने और तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन को सूचित करने की सलाह दी।

होशियारपुर डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन ने दसूया इलाके में कुछ धमाके सुने जाने की पुष्टि की और फिर सेना के अधिकारियों से निर्देश मिलने के बाद आंशिक ब्लैकआउट की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों से मिली जानकारी के आधार पर दसूया और मुकेरिया इलाकों में ब्लैकआउट लगाया गया है। सीमावर्ती जिले अमृतसर में सामान्य गतिविधि देखी गई, लेकिन अलर्ट जारी किया गया और साथ ही सोमवार को कुछ घंटों के लिए ब्लैकआउट लगाया गया। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली से अमृतसर जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट को राज्य के अन्य हिस्सों में ड्रोन गतिविधि देखे जाने के बाद डायवर्ट किया गया।

सुबह-सुबह अमृतसर की डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने ‘एक्स’ पर लिखा, “अब आपको एक छोटा सा सायरन सुनाई दे सकता है – यह दर्शाता है कि अलर्ट खत्म हो गया है और हम अपनी सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकते हैं। आपके सहयोग के लिए धन्यवाद।”

पठानकोट जिला भी अलर्ट पर रहा क्योंकि कथित तौर पर भारत-पाक सीमा पर स्थित बामियाल इलाके में ड्रोन देखे गए। राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमा पार आतंकवाद के लिए इस्लामाबाद की कड़ी आलोचना की और कहा कि ‘बातचीत और आतंक’, ‘खून और पानी’ एक साथ नहीं चल सकते।

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