भारत-पाक मसले द्विपक्षीय, तीसरे देश का दखल बर्दाश्त नहीं : उदय भानु चिब
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इंडियन यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष उदय भानु चिब ने सोमवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन पर अपनी राय रखी। इसके अलावा, उन्होंने जम्मू-कश्मीर में फंसे केरल के छात्र को सकुशल उसके घर भेजने की पहल पर भी टिप्पणी की।

उदय भानु चिब ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अमेरिका की भूमिका और भारत सरकार की प्रतिक्रिया को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जब से हमारा देश आजाद हुआ है, हर सरकार और हर प्रधानमंत्री ने हमेशा यह स्पष्ट किया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच के मामले बायलैटरल (द्विपक्षीय) हैं। किसी तीसरे देश को इसमें दखल देने का कोई अधिकार नहीं है। लेकिन, हाल ही में दोनों देशों के बीच सीजफायर पर पहली जानकारी अमेरिका के राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी और फिर भारत की तरफ से भी उसकी पुष्टि की गई। यह हैरानी की बात है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी जैसी मजबूत प्रधानमंत्री ने भी साफ कहा था कि भारत किसी बाहरी दबाव में नहीं आता और अपनी नीति खुद तय करता है। अगर सरकार इस पर स्पष्टीकरण दे, तो बेहतर रहेगा।

इसके अलावा, केरल के छात्र को सकुशल उसके घर भेजने की पहल पर उदय भानु चिब ने कहा कि यह एक प्रयास था। हमें पता चला कि लोग फंसे हैं, तो उनकी जितनी मदद कर सकते हैं, घर तक पहुंचाने का प्रयास किया। जितनी जानकारी हमारे पास आई, उतने लोगों की हमने मदद की, तो यह यूथ कांग्रेस की तरफ से एक छोटा सा प्रयास था। उनकी मदद करके, हम उन्हें सही सलामत घर पहुंचा सके।

इससे पहले, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि सबसे पहले के.सी. वेणुगोपाल के ऑफिस से खबर मिली कि बारामुला में केरल के कई छात्र फंसे हुए हैं! इसके बाद वहां की सरकार ने कश्मीर से जम्मू तक उनका ट्रांसपोर्ट अरेंज किया और फिर युवा कांग्रेस ने जम्मू से दिल्ली तक उनकी वापसी का पूरा इंतजाम किया! आज वे सभी छात्र सुरक्षित अपने घर के लिए रवाना हो रहे हैं!

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