मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी में छिड़ा संग्राम फिलहाल थम गया है। यहां भी आजम खान की ही चली और उनकी खास रुचि वीरा मुरादाबाद से सपा की प्रत्याशी होंगी। सपा से ही पर्चा दाखिल करने वाले मुरादाबाद के सांसद एसटी हसन का पर्चा खारिज हो गया है।डीएम डीएम मानवेंद्र सिंह के अनुसार हसन के पर्चा के साथ सपा का सिंबल नहीं होने के कारण पर्चा अधूरा रह गया और रद कर दिया गया है। पर्चा कटने पर हसन ने कहा कि पार्टी ने मुझे आदेश दिया था। उसी के अनुसार पर्चा दाखिल किया था। आज ही दूसरे प्रत्याशी की तरफ से पर्चा दाखिल की जानकारी मिली थी। पार्टी का हर फैसला स्वीकार है।माना जा रहा है कि आजम खान के कड़े विरोध के बाद सपा को अपना फैसला बदलना पड़ा है। एसटी हसन ने कहा कि जब एक बार टिकट दे चुके थे तो कोई कारण तो नहीं था। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ही बेहतर बता पाएंगे कि टिकट क्यों काटा गया है। सपा नेता ने कहा कि अखिलेश पार्टी के नेता हैं, जिसको चाहें लड़ाएं, जिसको चहें ना लड़ाएं।आज तक से बातचीत में एसटी हसन ने कहा कि टिकट होना या ना होना एसटी हसन की शख्सियत को खत्म नहीं कर सकता। जो आइडियोलॉजी हमारी है, जो आइडियोलॉजी मुलायम सिंह यादव की थी और जो आइडियोलॉजी अखिलेश यादव जी की है हम उसी के साथ हैं। सपा नेता ने कहा कि मैं मुस्लिम वर्ग से आता हूं. हिन्दुस्तान की तारीख में मुसलमान 70 सालों में सबसे ज्यादा दुखी है। उन्होंने (अखिलेश) ने ही मुझे पार्लियामेंट भेजा था। जाहिर है जो इंसाफ की बात होगी वही तो मैं करूंगा।गौरतलब है कि आजम खान और अखिलेश यादव की हाल ही में सीतापुर जेल में मुलाकात हुई थी। इसके बाद ही एसटी हसन की उम्मीदवार पर अखिलेश ने कैंची चलाई है। आजम खान चाहते थे कि अखिलेश रामपुर से चुनाव लड़ें लेकिन वह इसके लिए राजी नहीं हुए। इसके बाद रामपुर में आजम समर्थकों ने सपा का विरोध करना शुरू कर दिया और चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया। इसकी आंच मुरादाबाद तक पहुंच गई। इसके बाद टिकट में बदलाव किया गया है।जिस तरह से आज हसन की जगह रुचि वीरा को टिकट मिला है। उसी तरह पिछले चुनाव में हसन को भी टिकट दिया गया था। पिछले चुनाव में भी अंतिम समय में टिकट बदला था। 2019 के लोकसभा चुनाव में पहले नासिर कुरैशी को सपा का टिकट मिला था। बाद में डा. एसटी हसन को टिकट थमा दिया गया। हसन जीते भी। नासिर कुरैशी को मुरादाबाद ग्रामीण सीट से विधानसभा चुनाव में 2022 में पार्टी ने प्रत्याशी बनाया और वह जीते भी।