यादव परिवार के प्रत्याशियों की चिंता करें, आकाश आनंद पर अखिलेश के रिएक्शन पर भड़कीं मायावती
Sharing Is Caring:

लोकसभा चुनाव के बीच ही मायावती का अपने भतीजे आकाश आनंद से सारी जिम्मेदारियां वापस लेने का मामला सपा और बसपा के बीच वार-पलटवार का मुद्दा बन गया है। मंगलवार की देर रात आए मायावती के फैसले पर बुधवार को अखिलेश ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर रिएक्शन क्या दिया मायावती भड़क गईं।मायावती ने अखिलेश को यादव परिवार से उतरे प्रत्याशियों की चिंता करने की सलाह दे दी। सपा को घोर दलित विरोधी कहते हुए कई अन्य आरोप भी मायावती ने लगा दिए। मायावती ने भी अखिलेश की तरह सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव को निशाने पर लेते हुए एक के बाद एक तीन पोस्ट लिखे।मायावती ने लिखा कि बीएसपी संगठन में क्या कुछ चल रहा है इस पर घोर दलित-विरोधी सपा अगर कोई टिप्पणी व चिन्ता नहीं करे तो बेहतर। इसके बदले सपा नेतृत्व को चुनाव में उतारे गए उनके अपने परिवार व उनके यादव समाज के प्रत्याशियों का क्या हाल है इसकी केवल चिन्ता करें क्योंकि उन सब का हाल बेहाल है।

मायावती ने कहा कि सपा का चाल, चरित्र व चेहरा, हमेशा की तरह आज भी, जबरदस्त दलित, अति-पिछड़ा व संविधान में इनको दिए गए आरक्षण आदि के अधिकारों की विरोधी पार्टी का है। प्रमोशन में आरक्षण को खत्म करना तथा इस सम्बंध में बिल को संसद में फाड़ना आदि इनके ऐसे कार्य हैं जिसे माफ करना मुश्किल।

एक अन्य पोस्ट में मायावती ने लिखा कि बीएसपी सरकार द्वारा बहुजन समाज में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों के आदर-सम्मान में उनके नाम पर यूपी में बनाए गए जिलों, पार्कों, विश्वविद्यालयों आदि के नाम को जातिवादी सोच के कारण बदलना सपा सरकार के ऐसे कृत्य हैं जो इतिहास में काले कारनामे के रूप में दर्ज हैं।

अखिलेश ने क्या कहा था
इससे पहले आकाश आनंद को बसपा के राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर के पद से हटाने और उत्तराधिकारी बनाने का फैसला बदलने को लेकर एक्स पर लिखा कि बसपा ने अपने संगठन में बड़े बदलाव का जो भी क़दम उठाया है वो उनकी पार्टी का आंतरिक विषय है। इसके साथ ही अखिलेश ने मायावती पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि दरअसल इसके पीछे असली कारण ये है कि बसपा की एक भी सीट आती हुई नहीं दिख रही है।

बसपा के अधिकांश परंपरागत समर्थक भी इस बार संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन को ही वोट दे रहे हैं। इस बात को बसपा अपने संगठन की विफलता के रूप में ले रही है। इसीलिए उनका शीर्ष नेतृत्व संगठन में इतना बड़ा फेर-बदल कर रहा है लेकिन अब बाज़ी बसपा के हाथ से निकल चुकी है।

अखिलेश ने यहा भी कहा कि सच तो ये है कि जब बसपा का प्रभाव क्षेत्र होते हुए भी पिछले तीन चरणों में उनकी एक भी सीट नहीं आ रही है तो फिर बाकी के चार चरणों में तो कोई संभावना बचती ही नहीं है। ऐसे में हम सभी वोटरों से अपील करते हैं कि आप अपना वोट ख़राब न करें और जो बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर जी के संविधान को बचाने के लिए सामने से लड़ रहे हैं, इंडिया गठबंधन के उन प्रत्याशियों को वोट देकर जिताएं और संविधान के संग, आरक्षण भी बचाएं। इसीलिए आग्रह है कि संविधान, आरक्षण और अपना मान-सम्मान बचाना है तो अपना वोट सपा को दें या जहां इंडिया गठबंधन का प्रत्याशी हो वहां डालकर संविधान और आरक्षण विरोधी भाजपा को हराएं।

Sharing Is Caring:

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *