सांप्रदायिकता के खिलाफ थे स्वामी विवेकानंद, भाजपा सिर्फ दिखावा करती है : संदीप दीक्षित
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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भाजपा सांसदों ने नेम प्लेट पर सड़क का नाम ‘तुगलक लेन’ की जगह ‘विवेकानंद मार्ग’ कर दिया है। इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से हर नाम का इस्तेमाल करना केवल एक दिखावा है।

कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “आप अपनी तरफ से कोई भी नाम लिखवा लें, उससे नाम नहीं बदल जाता है। मैं भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से पूछता हूं कि जब वे स्वामी विवेकानंद का नाम इस्तेमाल कर रहे हैं तो क्या वे उनके बारे में जानते हैं? विवेकानंद सांप्रदायिकता के खिलाफ थे और हर धर्म को बराबर मानते थे। सर्वधर्म समभाव की बात करते थे और इस देश में शांति तथा सभी को बराबरी से देखते थे। वह जाति व्यवस्था के खिलाफ थे और एक ऐसा देश बनाना चाहते थे, जहां पर सभी धर्म समान हों और सब एक साथ रहें।

उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि भाजपा के लोग किसी भी व्यक्ति के नाम का इस्तेमाल कर लेते हैं और उन्हें कोई खबर नहीं है कि उनके विचार क्या थे। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से हर नाम का इस्तेमाल करना केवल एक दिखावा है।

संदीप दीक्षित ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में होली विवाद पर कहा, “मैं इतना कहूंगा कि हर धर्म को अधिकार है कि वह अपना-अपना पर्व मनाएं और प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी धर्म के पर्व को मनाने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मुझे लगता है कि इस बात को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।”

संदीप दीक्षित ने दिल्ली में रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के वेरिफिकेशन को लेकर कहा, “11 साल से दिल्ली पुलिस ने इसे क्यों नहीं किया और अब वे इस मुद्दे पर नाटक क्यों कर रहे हैं।”

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की याचिका खारिज किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, “यह अच्छी बात है कि तहव्वुर राणा की याचिका रद्द हो गई है। अब उसे देश जल्द से जल्द लाया जा सकेगा, ताकि मुंबई हमले के दोषी को जल्दी सजा मिल सके और पाकिस्तान बेनकाब हो सके।”

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