
देश में बढ़ रही कोरोना की रफ्तार: एक्टिव केस 3207, अब तक 20 मौतें
भारत में एक बार फिर कोरोना वायरस के केस बढ़ते दिख रहे हैं। देशभर में एक्टिव केस की संख्या 3207 तक पहुँच गई है। केरल और महाराष्ट्र में सबसे ज़्यादा मामले हैं। अकेले इन दो राज्यों में ही 60% एक्टिव केस हैं।
महाराष्ट्र और केरल में सबसे ज़्यादा मरीज
- केरल: 1147 एक्टिव केस
- महाराष्ट्र: 681 एक्टिव केस, शुक्रवार को 84 नए मरीज मिले
- अब तक कुल मौतें: 20
- महाराष्ट्र: 6
- कर्नाटक: 3 (ताजा मामला मैसूर में 63 साल के बुजुर्ग की मौत)
- अन्य राज्यों (राजस्थान, यूपी, एमपी, दिल्ली, गुजरात, पंजाब, तमिलनाडु): 11
कर्नाटक सरकार का सख्त निर्देश: बच्चों को लक्षण हों तो स्कूल न भेजें
कर्नाटक सरकार ने राज्य में बढ़ते मामलों को देखते हुए एक नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें माता-पिता से अपील की गई है कि यदि बच्चों को सर्दी, खांसी या बुखार हो तो उन्हें स्कूल न भेजें।
मिजोरम में 7 महीने बाद फिर मिले कोविड केस
मिजोरम में कोविड के दो नए मामले सामने आए हैं। अक्टूबर 2024 के बाद यह पहली बार है जब यहां कोविड पाया गया। मरीजों का इलाज जोरम मेडिकल कॉलेज (ZMCH), फल्कोन में किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से डरने के बजाय सावधानी बरतने और कोविड प्रोटोकॉल जैसे –
- मास्क पहनना
- बार-बार हाथ धोना
- सैनिटाइज़र का इस्तेमाल
- भीड़ से बचना –
की सलाह दी है।
महाराष्ट्र में कोविड टेस्टिंग बढ़ी
महाराष्ट्र में अब तक 9592 टेस्ट किए जा चुके हैं। सिर्फ मुंबई में जनवरी 2025 से अब तक 681 केस सामने आए हैं।
वहीं जम्मू-कश्मीर में भी 2 नए केस मिले हैं। ये दोनों छात्र केरल से हैं और श्रीनगर के गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज में पढ़ रहे हैं।
देश में कोविड के 4 नए वैरिएंट मिले
ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से कोविड के चार नए वैरिएंट की पहचान हुई है:
- LF.7
- XFG
- JN.1
- NB.1.8.1
इनमें से कुछ वैरिएंट तेजी से फैलते हैं और कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी पर असर डाल सकते हैं। WHO ने इन्हें फिलहाल “चिंताजनक नहीं” माना है, लेकिन निगरानी रखने को कहा है।
JN.1: भारत में सबसे आम वैरिएंट
- JN.1 भारत में सबसे ज्यादा पाए जाने वाला वैरिएंट है।
- इसके बाद BA.2 (26%) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20%) मिलते हैं।
- JN.1 में लगभग 30 म्यूटेशन होते हैं जो इम्यूनिटी को कमजोर कर सकते हैं।
जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक, यह वैरिएंट तेज़ी से फैलता है, लेकिन बहुत गंभीर नहीं है।
लंबे समय तक लक्षण रह सकते हैं
अगर कोविड के लक्षण कई हफ्तों तक बने रहते हैं, तो यह “लॉन्ग कोविड” की स्थिति हो सकती है, जिसमें थकान, खांसी, या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।