
Air India Plane Crash (अहमदाबाद): 12 जून को अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट 171 का विमान क्रैश हो गया था, जिसमें 274 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे के बाद, मारे गए यात्रियों के शव उनके परिवारों तक पहुंचाए जा रहे हैं, और साथ ही एक विशेष संदेश भी दिया जा रहा है – “ताबूत मत खोलना…”
शवों की पहचान और डीएनए मिलान प्रक्रिया
क्रैश में मारे गए लोगों के शवों की पहचान करने के लिए तीन फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) टीमों को तैनात किया गया है। इन टीमों द्वारा मृतकों के हड्डियों और दांतों के सैंपल्स का डीएनए मिलान परिजनों के खून के नमूनों से किया जा रहा है। अब तक 92 नमूनों का मिलान पूरा हो चुका है, जिनमें से 87 शवों की पहचान हो चुकी है।
शवों का अंतिम संस्कार
अब तक 47 शव विभिन्न जिलों में परिजनों को सौंपे जा चुके हैं। इनमें अहमदाबाद, खेड़ा, कोटा, मेहसाणा और अन्य जिलों से शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। रविवार को राजस्थान के उदयपुर निवासी मोदी परिवार ने अपने बच्चों शुभ (24) और शगुन (23) का अंतिम संस्कार अहमदाबाद के थलतेज श्मशान घाट में किया।
मेहता परिवार की त्रासदी
मेहता परिवार में अब सिर्फ सबसे छोटी सदस्य ऋतु मेहता ही बची हैं, जबकि उनके माता-पिता और बहन की इस हादसे में मौत हो गई है। रविवार को केवल बहन मेघा की पहचान हो सकी और उनका अंतिम संस्कार किया गया।
परिजनों का ग़ुस्सा और असंतोष
कई परिवारों ने शवों की पहचान में हो रही देरी और एयरलाइन की लापरवाही पर असंतोष जताया है। अहमदाबाद में शवों का इंतजार कर रहे इम्तियाज़ अली ने कहा, “72 घंटे से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन अब तक किसी ने कोई जानकारी नहीं दी।”
सरकारी मदद और रिपोर्ट
राज्य सरकार की ओर से शवों के साथ डेथ सर्टिफिकेट, पुलिस जांच रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और एफएसएल रिपोर्ट दी जा रही है। इस दौरान परिजनों को एक ही संदेश दिया जा रहा है – “ताबूत मत खोलना…” यह शब्द शायद इस बात को लेकर हैं कि जो हुआ, वह इतना दर्दनाक है कि उसे देख पाना और भी कठिन हो सकता है।