
स्वरोजगार हो या उच्च शिक्षा अथवा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की योजनाएं, सभी के लिए जिले में लोन मिल रहे हैं। पांच वर्षों की बात करें तो तो जिले में 1500 करोड़ रुपए से भी अधिक का लोन दिया गया है।
इससे लोगों ने स्वरोजगार किया है और कुछ ने उच्च शिक्षा पाई है। इसके साथ-साथ महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए शुरू की गई योजनाओं के लिए भी लोन दिए जा रहे हैं। इसमें जेएसएलपीएस (झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी) की ओर से चलाई जाने वाली योजनाएं भी शामिल हैं।
1700 महिला समूहों को मिला 25.84 करोड़ का लोन
जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार जिले के 1700 से भी अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को 25.84 करोड़ रुपए का लोन दिया गया है। इन एसएचजी से जिले की 20 हजार से भी अधिक महिलाएं जुड़ी हुई हैं। इन समूहों को रिवाल्विंग फंड के साथ-साथ स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए भी लोन दिया गया है। जेएसएलपीएस की ओर से चलाई जाने वाली योजनाओं से महिलाओं को जोड़ा जा रहा है। उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग के बाद सब्सिडी के साथ लोन उपलब्ध कराया जाता है। जेएसएलपीएस एसएचजी के उत्पादित सामग्रियों के लिए बाजार भी उपलब्ध कराता है।
सबसे अधिक मुद्रा लोन
जिले में सबसे अधिक राशि मुद्रा लोन के रूप में दी गई है। जानकारी के मुताबिक इस मद में 520 करोड़ रुपए से अधिक के लोन दिए गए हैं। इस योजना से पांच हजार से भी अधिक लोगों को लाभ मिला है। इस योजना के तहत व्यक्ति के साथ व्यक्तियों के समूह को भी लोन दिया गया है।
स्ट्रीट वेंडरों को भी दिया गया लोन
जिले के स्ट्रीट वेंडरों को भी लोन दिया गया है। इस योजना से 6500 के करीब स्ट्रीट वेंडरों को लाभ मिला है। इन वेंडरों के बीच 62.50 करोड़ रुपए का वितरण किया गया है।
11 हजार छात्रों को मिला एजुकेशन लोन
जिले के 11 हजार से अधिक छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन दिया गया है। इसमें छात्रों ने इंजीनियरिंग के लिए सबसे अधिक छात्रों ने लोन लिया है। इसके बाद मेडिकल तथा एमबीए की डिग्री के लिए भी लोन लिए गए हैं।
इस संबंध में अग्रणी बैंक के प्रबंधक राजेश सिन्हा ने बताया कि स्वरोजगार तथा शिक्षा के लिए जिले के लोगों को लोन दिया जा रहा है। छोटे-बड़े उद्योगों की स्थापना के लिए भी बैंक से लोन मिल रहा है। बैंक हर संभव मदद को तैयार हैं।