कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किए गए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर बुधवार को हाई कोर्ट में सुनवाई होने जा रही है। अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी थी, लेकिन सुनवाई से ठीक पहले अर्जी वापस ले ली थी।
अरविंद केजरीवाल ने गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए शनिवार को दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और तुरंत सुनवाई की मांग की थी। लेकिन होली की छुट्टियों की वजह से ऐसा नहीं हो सका। केजरीवाल ने अपनी याचिका में दलील दी कि उनकी गिरफ्तारी और हिरासत अवैध थी और वह तुरंत हिरासत से रिहा किए जाने के हकदार हैं। जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा की बेंच के सामने याचिका को सूचीबद्ध कर दिया गया है।
21 मार्च को गिरफ्तार किए गए केजरीवाल को निचली अदालत ने शुक्रवार को केजरीवाल को 28 मार्च तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था। केजरीवाल इससे पहले 21 मार्च को गिरफ्तारी पर रोक की मांग को लेकर हाई कोर्ट पहुंचे थे। हाई कोर्ट के इनकार के कुछ घंटे बाद ही ईडी की टीम उनके आवास पर पहुंच गई थी और गिरफ्तार कर लिया।
केजरीवाल को ईडी ने कथित शराब घोटाले में पूछताछ के लिए 9 समन जारी किए थे। लेकिन उन्होंने इसे अवैध और राजनीति से प्रेरित बताते हुए पेशी से इनकार कर दिया था। इसी केस में केजरीवाल से पहले दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह और पार्टी के संचार प्रभारी विजय नायर को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
ईडी का आरोप है कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान आबकारी नीति के जरिए शराब कारोबारियों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया और बदले में रिश्वत ली गई। जांच एजेंसी का कहना है कि रिश्वत की रकम का इस्तेमाल गोवा में विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए किया गया। हालांकि दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी ने आरोपों को झूठा बताते हुए इसे बदले की राजनीति के तहत झूठा केस बताया है।