
देश में एक बार फिर कोरोना वायरस की हलचल देखने को मिल रही है। लंबे वक्त तक शांत रहने के बाद अब कोविड-19 के मामले दोबारा बढ़ने लगे हैं। दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, केरल और कर्नाटक जैसे राज्यों में नए मामले सामने आने के बाद सरकारें सतर्क हो गई हैं।
खास बात ये है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में करीब तीन साल बाद कोरोना के मामले दर्ज किए गए हैं। इसको देखते हुए दिल्ली सरकार ने सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। कोविड-19 के नए मामलों ने लोगों को एक बार फिर उस दौर की याद दिला दी है जब मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग आम जीवन का हिस्सा बन चुके थे।
हालांकि इस बार हालात उतने गंभीर नहीं हैं, लेकिन सरकार और स्वास्थ्य विशेषज्ञ किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतना चाहते। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्कता बेहद जरूरी है।
इन 6 राज्यों में मिले कोरोना के मरीज
एक बार फिर भारत में पैर पसार रहे कोरोना के मरीज 6 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में मिले हैं, हालांकि अभी किसी के क्रिटिकल होने की जानकारी नहीं है। इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में एक्टिव कोरोना केस पाए गए हैं-
- गुजरात
- हरियाणा
- केरल
- कर्नाटक
- यूपी
- दिल्ली
किन राज्यों में सामने आए कितने नए मामले
गुजरात में गुरुवार को 15 केस मिले, जबकि हरियाणा के गुरुग्राम और फरीदाबाद में तीन नए मामले सामने आए। केरल में मई महीने में अब तक 182 मरीज सामने आ चुके हैं। कर्नाटक में 16 एक्टिव केस हैं, जिसमें एक मामला नौ महीने के बच्चे का भी है। गाजियाबाद में भी कोरोना के 4 नए मरीज मिले हैं।
यूपी के गाजियाबाद से भी सामने आए एक्टिव मामले
गाजियाबाद में कोरोना के चार नए मरीज मिले हैं। इनमें एक 18 साल की लड़की की हालत थोड़ी बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं एक बुजुर्ग दंपत्ति, जो हाल ही में बेंगलुरु से लौटे हैं, उनकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी मामलों की पुष्टि की है और सतर्कता बढ़ा दी गई है।
दिल्ली सरकार ने क्या कहा
दिल्ली सरकार ने सभी अस्पतालों को ऑक्सीजन, दवाएं, वैक्सीन और जरूरी मेडिकल संसाधनों की तैयारी रखने के लिए कहा है। स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने बताया कि अब तक 23 केस सामने आए हैं, जो प्राइवेट लैब से रिपोर्ट हुए हैं। सरकार यह जांच कर रही है कि ये मरीज दिल्ली के हैं या बाहर से आए हैं।
मास्क और सावधानी जरूरी
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है। उन्होंने बताया कि सभी पॉजिटिव सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है और रोजाना रिपोर्टिंग की व्यवस्था भी की जा रही है। अस्पतालों को कहा गया है कि सभी उपकरण जैसे वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर चालू हालत में रखें।
कौन सा वैरिएंट फैला रहा संक्रमण
इस बार ओमिक्रॉन का JN.1 वैरिएंट और उसके सब-वैरिएंट LF.7 और NB.1.8 कोरोना के फैलाव के लिए जिम्मेदार माने जा रहे हैं। डब्ल्यूएचओ ने JN.1 को दिसंबर 2023 में ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ बताया था। यह पहले से ज्यादा फैलने वाला वैरिएंट है, लेकिन इसके लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं जैसे बुखार, खांसी और गले में खराश।
क्या बूस्टर डोज जरूरी है?
विशेषज्ञों का कहना है कि बुजुर्गों, बच्चों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को बूस्टर डोज लेनी चाहिए। खासकर अगर उनकी पिछली डोज को छह महीने से ज्यादा हो गए हों या वे उन देशों की यात्रा करने वाले हैं जहां केस बढ़ रहे हैं। XBB.1.5 बूस्टर वैक्सीन JN.1 के खिलाफ कुछ हद तक सुरक्षा दे सकती है।
ऐसे रखें खुद को सुरक्षित
- भीड़ में मास्क लगाएं
- हाथों की सफाई का ध्यान रखें
- खांसते-छींकते समय मुंह ढकें
- लक्षण दिखें तो तुरंत टेस्ट कराएं
- अंतरराष्ट्रीय यात्रा से पहले सावधानी बरतें
अभी भी सतर्क रहना जरूरी
डॉक्टरों और विशेषज्ञों के अनुसार यह लहर पहले जितनी गंभीर नहीं है, लेकिन लापरवाही भारी पड़ सकती है। अगर आप पहले से वैक्सीन ले चुके हैं और स्वस्थ हैं, तो चिंता की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी जरूर बरतें। कोविड अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, लेकिन सतर्कता से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।