Ahmedabad Plane Crash: मां के कहने पर बेटे ने कैंसल करवा दिया टिकट…बच गई जान, किस्मत ने कईयों को मौत के मुंह से खींचा

Ahmedabad Plane Crash: मां के कहने पर बेटे ने कैंसल करवा दिया टिकट…बच गई जान, किस्मत ने कईयों को मौत के मुंह से खींचा

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Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए रवाना हुआ एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान बृहस्पतिवार दोपहर उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद भीषण दुर्घटना का शिकार हो गया। इस हादसे में विमान में सवार 242 यात्रियों में से केवल एक व्यक्ति की ही जान बच पाई। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो संयोगवश इस विमान में सवार नहीं हो सके — और यही चूक उनकी जान बचाने वाली साबित हुई।

मां की ममता ने बचाई बेटे की जान: यमन व्यास की कहानी

वडोदरा निवासी यमन व्यास यूके के लंदन शहर में एक वेयरहाउस में काम करते हैं। लगभग दो साल बाद वह छुट्टियां मनाने भारत लौटे थे और 12 जून को अहमदाबाद से वापस लंदन लौटने वाले थे। उनका सारा सामान पैक हो चुका था और वे घर से निकल ही रहे थे कि मां ने गुजराती में भावुक होकर कहा — “थोड़ा दिवस रोकई जा ने बेटा…” (कुछ दिन और रुक जा बेटा)।

मां की भावनाओं ने यमन को रुकने पर मजबूर कर दिया और उन्होंने अपनी यात्रा टाल दी। शाम को जब उन्होंने फ्लाइट क्रैश की खबर देखी, तो वह स्तब्ध रह गए। यमन ने भावुक होकर कहा — “मां ने मुझे मौत के मुंह से खींच लिया।”

“पेपर कम थे”, नहीं मिली बोर्डिंग — जैमिनी और प्रिया की कहानी

अहमदाबाद के चांदलोडिया निवासी जैमिन पटेल (29) और प्रिया पटेल (25) अपने एक दोस्त के बुलावे पर लंदन घूमने जा रहे थे। उनके पास विजिटर वीज़ा था, लेकिन कुछ जरूरी दस्तावेज पूरे नहीं थे। एयरपोर्ट पर उन्होंने एयरलाइंस स्टाफ से काफी मिन्नतें कीं, लेकिन बोर्डिंग की इजाजत नहीं मिली।

निराश होकर दोनों वापस घर लौटे। जब वे घर पहुंचे, तभी उन्हें विमान हादसे की जानकारी मिली। एक दस्तावेज की कमी ने उनकी जान बचा ली।

ट्रैफिक बना जीवनरक्षक: भूमि चौहान की कहानी

यूके निवासी भूमि चौहान भारत आई थीं और 12 जून को इसी विमान से लंदन लौटने वाली थीं। लेकिन अहमदाबाद की भारी ट्रैफिक में फंस जाने के कारण वह समय पर एयरपोर्ट नहीं पहुंच पाईं।

केवल 10 मिनट की देरी ने उन्हें उस विमान में चढ़ने से रोक दिया, जो कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। भूमि ने कहा — “ईश्वर ने मुझे नया जीवन दिया है, मैं उनका तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूं।”

242 में से केवल एक यात्री की बची जान

इस भीषण हादसे में 242 यात्रियों में से केवल एक व्यक्ति — विश्वकुमार रमेश — ही जीवित बच सके। वे विमान की ‘ए11’ सीट पर सवार थे। फिलहाल उनका इलाज अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में जारी है।

एयर इंडिया के अनुसार, विमान में 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य सवार थे। इनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, एक कनाडाई और सात पुर्तगाली नागरिक शामिल थे। इस दुर्घटना में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी निधन हो गया है।

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