
INS Vikrant से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कड़ा संदेश, हाफिज़ सईद और मसूद अज़हर को भारत को सौंपे पाकिस्तान
गोवा, INS Vikrant: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को गोवा में INS विक्रांत पर नौसेनिकों को संबोधित करते हुए पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति और सैन्य तैयारियों को लेकर बेहद सख्त रुख अपनाया। उन्होंने देश की समुद्री सुरक्षा को लेकर भारतीय नौसेना के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब हर चुनौती का जवाब उसी भाषा में दिया जाएगा।
जो हुआ, वह तो सिर्फ वार्मअप था
राजनाथ सिंह ने कहा: “आप सभी से मेरा आग्रह है कि अपनी तैयारियों में कोई ढिलाई न आने दें। अब तक जो हुआ, वह सिर्फ वार्मअप था। अगर पाकिस्तान ने फिर कोई हिमाकत की, तो इस बार भारतीय नौसेना भी हरकत में आएगी, और फिर क्या होगा, ये भगवान ही जानता है।”
उन्होंने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि वह केवल एक आतंकी हमला नहीं, बल्कि देश की गरिमा पर चोट थी, और भारतीय नौसेना ने उस क्षण को पूरी गंभीरता से लिया।
आतंकी हमले को युद्ध का रूप माना जाएगा
राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति को दोहराते हुए कहा:
“अगर भारत की धरती पर कोई आतंकी हमला होता है, तो उसे एक्ट ऑफ वॉर माना जाएगा और उसका जवाब भी उसी भाषा में दिया जाएगा।”
हाफिज़ सईद और मसूद अज़हर को भारत को सौंपे पाकिस्तान
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को सीधे शब्दों में कहा कि अगर वह बातचीत को लेकर गंभीर है, तो उसे सबसे पहले हाफिज़ सईद और मसूद अज़हर को भारत को सौंपना चाहिए। “हाफिज़ सईद मुंबई हमलों का गुनहगार है। उसके संगठन ने समंदर के रास्ते जो मौत बरसाई, उसका इंसाफ़ भारत में ही हो सकता है। पाकिस्तान को अपनी ज़मीन पर चल रही आतंकवाद की नर्सरी को जड़ से खत्म करना होगा।”
उन्होंने बताया कि हाल ही में मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाया गया है और भारत की प्राथमिकता आतंकवाद और PoK पर बात करना है।
पाकिस्तान बहुत खुशनसीब है…
राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा: “जिस तीव्रता से भारतीय नौसेना हिंद महासागर की हर हरकत पर नजर रखती है, अगर वह ताकत ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा होती, तो पाकिस्तान का क्या होता, यह कहने की जरूरत नहीं है। पाकिस्तान बहुत खुशनसीब है कि हमने उस समय अपनी पूरी ताकत का प्रदर्शन नहीं किया।”
अगर नौसेना हरकत में आती, तो पाकिस्तान के चार टुकड़े हो जाते
1971 की जंग का हवाला देते हुए रक्षा मंत्री बोले: “जब भारतीय नौसेना ने 1971 में करवाई की थी, तो पाकिस्तान दो टुकड़ों में बंट गया था। अगर ऑपरेशन सिंदूर में नौसेना पूरी ताकत से आई होती, तो शायद पाकिस्तान चार टुकड़े हो जाता। पाकिस्तान खुद जानता है कि भारतीय नौसेना की ताकत क्या है।”
INS विक्रांत आज भी संकल्प का प्रतीक है
राजनाथ सिंह ने कहा कि गोवा की आज़ादी के अभियान में भी INS विक्रांत ने नेतृत्व किया था और आज भी नया विक्रांत आतंकवाद के खिलाफ भारत के संकल्प का प्रतीक है। “1961 में गोवा की आजादी में भारतीय नौसेना ने दुश्मन के जंगी जहाजों पर निर्णायक हमला किया था। उसी मिशन में पुराना INS विक्रांत था, और आज नया विक्रांत फिर से देश की सुरक्षा के लिए अग्रिम मोर्चे पर खड़ा है।“