
Iran-Israel War: इज़रायल के हमलों से धधकी दुनिया की सबसे बड़ी गैस फील्ड, ईरान की चेतावनी – हमले रोके जाएं तभी जवाबी कार्रवाई भी थमेगी
Iran-Israel War: ईरान और इज़राइल के बीच जारी युद्ध अब तीसरे दिन में प्रवेश कर चुका है। दोनों देशों के बीच बीती रात भी भीषण हमले हुए। इज़रायल ने ईरान की दुनिया की सबसे बड़ी गैस फील्ड साइट को निशाना बनाकर उसे गंभीर नुकसान पहुंचाया। मिसाइल हमलों के बाद गैस फील्ड धधक उठी, जिससे उत्पादन तत्काल प्रभाव से रोकना पड़ा है।
न्यूक्लियर ठिकानों पर भी वार, 138 ईरानियों की मौत
इज़रायली हमले केवल गैस फील्ड तक सीमित नहीं रहे। कई अन्य सैन्य और परमाणु ठिकानों को भी निशाना बनाया गया। ईरान में अब तक 138 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।
शुक्रवार सुबह से शुरू हुए हमले रविवार तक और अधिक उग्र हो गए हैं। इज़रायली सेना ने ईरान के तेल और गैस भंडारों को भी टारगेट किया है, जिससे ईरान की ऊर्जा क्षमता को सीधा नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, ईरान की सेना के शीर्ष कमांडर भी इज़रायली हमलों में मारे गए हैं।
ईरान की जवाबी कार्रवाई: नई मिसाइलों की पहली तैनाती
ईरान ने भी पलटवार करते हुए बीती रात 50 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें इज़रायल की ओर दागीं। इनमें से कई मिसाइलें अपने लक्ष्य तक पहुंचने में कामयाब रहीं। इज़रायल में इन हमलों में अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है।
बताया जा रहा है कि ईरान ने पहली बार युद्ध में इमाद, ग़दीर और खैबरशेकन जैसी लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल किया है, जो उसकी आधुनिक बैलिस्टिक क्षमता को दर्शाता है।
कूटनीतिक मोर्चे पर हलचल: ईरान ने रखी सशर्त शांति की पेशकश
युद्ध के बीच कूटनीतिक प्रयास भी तेज हो गए हैं। ईरान के एक वरिष्ठ राजनयिक ने संकेत दिया है कि यदि इज़रायल हमले रोक देता है, तो ईरान भी जवाबी कार्रवाई बंद कर देगा।
द जेरूसलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने ओमान और क़तर से मध्यस्थता करने की अपील की है ताकि अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता दोबारा शुरू की जा सके और तनाव कम किया जा सके।
नेतन्याहू की चेतावनी: “ये तो बस शुरुआत है”
इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि ईरान नहीं रुका, तो यह सिर्फ़ एक शुरुआत होगी — आगे और भी बड़ी तबाही उसका इंतजार कर रही है।
इज़रायल की ओर से यह स्पष्ट संकेत है कि यदि ईरान पीछे नहीं हटता, तो इज़रायल अपने हमले और तेज कर सकता है।
स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नज़रें अब कूटनीतिक प्रयासों पर टिकी हैं। यदि मध्यस्थता सफल नहीं हुई, तो यह संघर्ष व्यापक क्षेत्रीय युद्ध का रूप ले सकता है।