क्या कोरोना के नए वेरिएंट NB.1.8.1 से हमें डरने की जरूरत है, जानें लक्षण व बचाव के तरीके
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भारत में कोरोना वायरस यानी कोविड के मामले फिर से मिलने लगे हैं। महाराष्ट्र (थाणे) और कर्नाटक (बेंगलुरु) में कोविड मरीज की मौत भी हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक, दिल्ली-NCR सहित कई राज्यों से सामने आए हाल के कोरोना मामलों की समीक्षा की। देश में फिलहाल कोरोना पॉजिटिव पाए केस मामूली हैं और उन्हें होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है।

भारत में कोविड-19 का एक नया सब-वेरिएंट NB.1.8.1 पाया गया है। इसका सैंपल अप्रैल-2025 में लिया गया था और जीनोम सीक्वेंसिंग की गई थी। पिछले कुछ हफ्तों में भारत में जिन SARS-CoV-2 सैंपल्स की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई है, वे मुख्य रूप से BA.2 और JN.1 वेरिएंट्स के थे। NB.1.8.1 वेरिएंट का सैंपल तमिलनाडु से लिया गया था और इसे INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium) को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था।

ऐसे में आइए जानें कोरोना के नए वेरिएंट NB.1.8.1 क्या है, इसके लक्षण और बचाव

क्या है कोरोना का नया वेरिएंट NB.1.8.1?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मई 2025 में कोविड-19 के नए सब-वेरिएंट NB.1.8.1 को ‘वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग’ ‘Variant Under Monitoring’ (VUM) कैटेगरी में रखा है। इसका मतलब है कि इस वेरिएंट में ऐसे म्यूटेशन (जैविक बदलाव) पाए गए हैं, जिन पर नजर रखना जरूरी है, लेकिन फिलहाल इसे वेरिंट को लेकर कोई चिंता नहीं जताई गई है। इसका असर अभी ग्लोबल हेल्थ पर कम देखा गया है। NB.1.8.1 को ओमिक्रॉन वंश (Omicron lineage) के JN.1 वेरिएंट का डिसेंडेंट (उप-प्रकार) माना जा रहा है।

यह वेरिएंट XDV.1.5.1 नाम के रिकॉम्बिनेंट निकला हुआ है, और इसके शुरुआती सैंपल 22 जनवरी 2025 को सामने आए थे। NB.1.8.1 में, LP8.1 वेरिएंट की तुलना में स्पाइक प्रोटीन में 6 म्यूटेशन हैं, जबकि JN.1 वेरिएंट की तुलना में 8 म्यूटेशन दर्ज किए गए हैं।

अब तक आंकड़ों के आधार पर कहा जा सकता है कि वेरिएंट की संक्रमण फैलाने की क्षमता कुछ पहले के वेरिएंट्स की तुलना में ज्यादा हो सकती है ।

अब तक 22 देशों से NB.1.8.1 के कुल 58 जीनोम सीक्वेंस कोविड-19 जीनोम डेटाबेस में जमा किए गए हैं। इस वेरिएंट को लेकर वैज्ञानिक सतर्क हैं, हालांकि आम जनता के लिए अभी घबराने की कोई वजह नहीं मानी जा रही। स्वास्थ्य एजेंसियां इसकी बारीकी से निगरानी कर रही हैं।

वेरिएंट NB.1.8.1 के लक्षण?

• NB.1.8.1 के लक्षण पिछले ओमिक्रॉन वेरिएंट के समान हैं।

• गले में खराश

• थकान

• हल्की खांसी

• बुखार

• नाक बंद होना

• सिरदर्द

• मतली

• भूख न लगना

• गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल परेशानियां

• खासकर स्वाद या गंध की कमी, जो डेल्टा जैसे पहले के वेरिएंट में आम है, NB.1.8.1 के साथ कम बार रिपोर्ट की जाती है।

NB.1.8.1 वेरिएंट के बारे में कुछ और अहम बातें?

म्यूटेशन

NB.1.8.1 वेरिएंट में स्पाइक प्रोटीन से जुड़े कई म्यूटेशन पाए गए हैं – A435S, V445H, और T478I। ये म्यूटेशन इस वेरिएंट को मानव कोशिकाओं से अधिक मजबूती से जुड़ने में सक्षम बनाते हैं, जिससे इसकी संक्रमण फैलाने की क्षमता बढ़ सकती है। साथ ही इसमें कुछ इम्यून सिस्टम को चकमा देने की भी क्षमता पाई गई है।

संक्रमण क्षमता

चीन से आंकड़ों मुताबिक NB.1.8.1 वेरिएंट बेहद संक्रामक है। हालांकि, इस वेरिएंट के कारण होने वाली बीमारी की गंभीरता अन्य ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट्स से ज्यादा नहीं पाई गई है।

किन-किन देशों में पाया गया यह वेरिएंट

भारत के अलावा, यह वेरिएंट अमेरिका (यूएसए) में एयरपोर्ट स्क्रीनिंग के दौरान कैलिफोर्निया, वॉशिंगटन, वर्जीनिया और न्यूयॉर्क जैसे राज्यों में पाया गया है। इसके अलावा जापान, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और अन्य देशों में पाया गया है। एशिया के कुछ हिस्सों में इस वेरिएंट के मामले तेजी से बढ़े हैं। सिंगापुर में मई 2025 की शुरुआत में साप्ताहिक कोविड मामलों की संख्या 11,100 से बढ़कर 14,000 से अधिक हो गई है।

कोरोना के इस वेरिएंट से कैसे करें बचाव?

1. स्वच्छता बनाए रखें

  • बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोएं (कम से कम 20 सेकंड तक)।
  • अगर साबुन न हो, तो कम से कम 60% अल्कोहल युक्त हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
  • आंख, नाक और मुंह बार-बार न छुएं।

2. मास्क पहनें

  • सार्वजनिक स्थानों, भीड़भाड़ वाली जगहों में मास्क जरूर पहनें।
  • सर्जिकल मास्क या N95 मास्क बेहतर सुरक्षा देते हैं।

3. सामाजिक दूरी बनाए रखें

  • दूसरों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें, खासकर खांसने या छींकने वाले लोगों से।

4. घर में रहें अगर बीमार महसूस हो

  • हल्के लक्षण (जैसे बुखार, खांसी, थकान) महसूस होने पर घर पर ही आइसोलेट रहें।
  • जरूरत पड़ने पर डॉक्टर को दिखाए

5. वैक्सीन लगवाएं

  • कोविड-19 की सभी डोज (बूस्टर सहित) समय पर लें। वैक्सीन संक्रमण की गंभीरता को कम करती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है।

6. सही तरीके से खांसें और छींकें

  • खांसते या छींकते समय रूमाल का इस्तेमाल करें।
  • इस्तेमाल किए गए टिशू को तुरंत डस्टबिन में फेंकें।

7. सरकारी गाइडलाइंस का पालन करें

  • समय-समय पर स्वास्थ्य मंत्रालय या WHO द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन करें।
  • भीड़भाड़ या यात्रा से पहले स्थानीय कोविड अपडेट्स जरूर चेक करें।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस वेरिएंट पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं और लगातार मूल्यांकन कर रहे हैं। आम जनता को सतर्कता बरतने और स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।

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