
मणिपुर में फिर से भड़की हिंसा, प्रियंका गांधी का पीएम मोदी पर तीखा सवाल…
पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में एक बार फिर हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। इंफाल के कुछ हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन के बाद पांच जिलों में इंटरनेट सेवा पांच दिनों के लिए बंद कर दी गई है, जबकि चार जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। एक ज़िले में कर्फ्यू भी लगा दिया गया है। इसी बीच कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है और मणिपुर की उपेक्षा का आरोप लगाया है।
“मणिपुर को उसके हाल पर क्यों छोड़ दिया गया?”
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“मणिपुर एक बार फिर से हिंसा की चपेट में है। करीब दो साल से राज्य के लोग हिंसा, हत्या, बलात्कार और पलायन झेल रहे हैं। सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं, हज़ारों लोग बेघर हैं। आखिर क्या कारण है कि केंद्र का शासन होने के बावजूद वहां शांति बहाली नहीं हो पा रही है?”
उन्होंने आगे प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किया:
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर को उसके हाल पर क्यों छोड़ दिया है? आज तक न वे मणिपुर गए, न राज्य के किसी प्रतिनिधि से मिले, न कभी शांति की अपील की और न ही कोई ठोस प्रयास किया। यह संवेदनहीन और गैर-जिम्मेदार रवैया किसी लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।”
राज्य में एक बार फिर सख्ती
मणिपुर सरकार ने शनिवार रात से पांच जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। साथ ही चार जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है, जिससे लोगों के समूह में इकट्ठा होने और विरोध करने पर रोक लगाई गई है। एक जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है, ताकि स्थिति नियंत्रण में रखी जा सके।
लंबे समय से जारी है संकट
मणिपुर में मई 2023 से ही जातीय हिंसा और तनाव की स्थिति बनी हुई है। कुकी और मैतेई समुदायों के बीच टकराव ने कई जानें ली हैं और बड़ी संख्या में लोगों को बेघर कर दिया है। इसके बावजूद अब तक कोई स्थायी समाधान निकलता नहीं दिख रहा। इस बीच केंद्र सरकार की चुप्पी और प्रधानमंत्री मोदी की निष्क्रियता विपक्षी दलों के निशाने पर बनी हुई है।
विपक्ष की ओर से लगातार सवाल
कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री मणिपुर जाकर हालात का जायज़ा लें और राज्य को सामान्य करने के लिए ठोस कदम उठाएं। लेकिन अब तक न तो प्रधानमंत्री ने राज्य का दौरा किया, न ही कोई स्पष्ट रणनीति सामने रखी गई है।
प्रियंका गांधी की टिप्पणी ने एक बार फिर मणिपुर की स्थिति को राष्ट्रीय बहस का हिस्सा बना दिया है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और मणिपुर में शांति बहाली के लिए कौन से कदम उठाए जाते हैं।