Corona Cases in India: भारत में फिर बढ़ा कोरोना का खतरा, JN.1 वेरिएंट के मामले तेजी से बढ़े

Corona Cases in India: भारत में फिर बढ़ा कोरोना का खतरा, JN.1 वेरिएंट के मामले तेजी से बढ़े

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Corona Cases in India: भारत में कोविड-19 के नए सब-वेरिएंट JN.1 के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, विशेषकर महाराष्ट्र, गुजरात और केरल में। हालांकि यह वेरिएंट अधिक संक्रामक है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, यह सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे हल्के लक्षण उत्पन्न करता है और गंभीर स्वास्थ्य जोखिम कम है।

JN.1 वेरिएंट: स्थिति और लक्षण

  • संक्रमण की दर: JN.1 वेरिएंट पिछले वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक है, जिससे मामलों में वृद्धि हो रही है।
  • लक्षण: यह वेरिएंट सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे हल्के लक्षण उत्पन्न करता है, जैसे गले में खराश, बुखार, खांसी और नाक बहना।
  • गंभीरता: अधिकांश मामलों में संक्रमण हल्का है और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है।

भारत में स्थिति

  • महाराष्ट्र: अब तक 477 मामले दर्ज किए गए हैं।
  • गुजरात: 127 मामले सामने आए हैं।
  • केरल: 156 मामले रिपोर्ट किए गए हैं।
  • कर्नाटक: 249 मामले दर्ज किए गए हैं।
  • गोवा: 90 मामले सामने आए हैं।
  • तमिलनाडु: 89 मामले रिपोर्ट किए गए हैं।
  • राजस्थान: 38 मामले सामने आए हैं।
  • तेलंगाना: 32 मामले रिपोर्ट किए गए हैं।
  • दिल्ली: 21 मामले सामने आए हैं।
  • उत्तर प्रदेश: 9 मामले रिपोर्ट किए गए हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह

  • बूस्टर डोज़: स्वास्थ्य मंत्रालय ने चौथी बूस्टर डोज़ की आवश्यकता को लेकर कोई सिफारिश नहीं की है। केवल 60 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों और सह-रुग्णताओं वाले व्यक्तियों को अतिरिक्त बूस्टर डोज़ लेने की सलाह दी गई है।
  • सुरक्षा उपाय: विशेषज्ञों के अनुसार, मास्क पहनना, भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचना और हाथों की स्वच्छता बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

स्वास्थ्य विभाग की तैयारियाँ

  • महाराष्ट्र: स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटिलेटर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
  • सतना, मध्य प्रदेश: स्वास्थ्य विभाग ने ओपीडी और आईपीडी मरीजों की आरटी-पीसीआर जांच फिर से शुरू कर दी है और मॉकड्रिल के माध्यम से तैयारी की समीक्षा की जा रही है।

JN.1 वेरिएंट की उपस्थिति के बावजूद, विशेषज्ञों का कहना है कि यह सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे हल्के लक्षण उत्पन्न करता है और गंभीर स्वास्थ्य जोखिम कम है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने चौथी बूस्टर डोज़ की आवश्यकता को लेकर कोई सिफारिश नहीं की है, लेकिन 60 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों और सह-रुग्णताओं वाले व्यक्तियों को अतिरिक्त बूस्टर डोज़ लेने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों में आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहा है और सतर्कता बनाए रख रहा है।

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