
तुर्किये की राजधानी इस्तांबुल में 2022 के बाद शांति वार्ता का दूसरा दौर महज एक घंटे के भीतर समाप्त हो गया। यह वार्ता दो घंटे की देरी से शुरू हुई, लेकिन देरी के कारणों को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया। वार्ता के दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधियों के तेवर काफी सख्त थे, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि शांति के लिए कोई भी ठोस समाधान निकलने की संभावना कम है।
यूक्रेन का बड़ा हमला और रूस का भारी नुकसान
वार्ता के एक दिन पहले, रविवार को यूक्रेन ने रूस पर अब तक का सबसे भीषण हमला किया। इस हमले में रूस के हवाई ठिकानों को निशाना बनाकर 41 रूसी बमवर्षक विमानों को नष्ट कर दिया गया। इस हमले से रूस को भारी नुकसान हुआ। रूस के सैन्य ब्लॉगर और रणनीतिक विश्लेषकों ने यूक्रेन के खिलाफ कड़ा और सख्त कदम उठाने की मांग की, यह कहते हुए कि यूक्रेन ने रूस की सैन्य क्षमता को चुनौती दी है और अब उसे इसका जवाब देना जरूरी है।
जेलेंस्की की शांति की पहल और नई प्रतिबंधों की मांग
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने वार्ता से पहले लिथुआनिया में कहा कि वह शांति के लिए हर जरूरी कदम उठाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, “इस्तांबुल की वार्ता अब समाप्त हो चुकी है और मैं अब यूक्रेनी रक्षा मंत्री रुस्तेम उमेरोव की पूरी रिपोर्ट का इंतजार कर रहा हूं। हम नई युद्धबंदियों की रिहाई की तैयारी कर रहे हैं।” साथ ही, जेलेंस्की ने यह भी कहा कि यदि वार्ता में कोई ठोस परिणाम नहीं निकलता है, तो रूस पर नए प्रतिबंध लगाने की जरूरत है। उन्होंने G7 देशों के साथ मिलकर संयुक्त प्रतिबंधों पर काम करने की आवश्यकता जताई, और अमेरिका और अन्य देशों से शांति स्थापित करने में मदद की अपील की।
यूक्रेनी ड्रोन हमले के बाद दोनों पक्षों के अलग-अलग दावे
यूक्रेनी ड्रोन हमले के बाद, दोनों देशों ने अलग-अलग दावे किए हैं। हालांकि, सेटेलाइट तस्वीरों से यह स्पष्ट हो गया है कि रूस को इस हमले में काफी नुकसान हुआ है, जो कि रूस की सैन्य ताकत को एक गंभीर चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।
तुर्किये के विदेश मंत्री का बयान
तुर्किये के विदेश मंत्री हाकान फिदान ने कहा कि दोनों देशों को यह समझना चाहिए कि इस शांति वार्ता पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वार्ता के दौरान सीजफायर की संभावनाओं का मूल्यांकन किया गया, युद्धबंदियों के आदान-प्रदान पर चर्चा हुई और दोनों राष्ट्रपतियों के बीच संभावित बैठक के बारे में विचार-विमर्श किया गया।
इस्तांबुल में शांति वार्ता का दूसरा दौर भले ही ज्यादा परिणामकारी नहीं रहा, लेकिन यह दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। यूक्रेन ने जहां रूस के खिलाफ निर्णायक हमले किए हैं, वहीं रूस भी अपनी सैन्य कार्रवाई को तेज करने के लिए तैयार है। आने वाले समय में यह वार्ता और बढ़ते तनाव के बीच शांति की संभावना पर सवाल उठते हैं। दुनिया की निगाहें अब इस संघर्ष के हल पर बनी हुई हैं, और दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच आगे की बातचीत का क्या असर होगा, यह देखना बाकी है।