Twitter Vs Koo App, जानिये कौन है Best & No.1

Twitter Vs Koo App, जानिये क्‍या है इसकी खासियत

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Twitter को टक्‍कर देने वाला Koo App (Twitter Vs Koo App), जानिये क्‍या है इसकी खासियत

टेक। भारत में राष्ट्रवाद तेजी से पनप रहा है यहाँ तक लोग आज इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद से लेकर देश में बने मोबाइल अप्प तक खूब पसंद किये जा रहे हैं। या यूं कहे कि विदेशी ऐप्‍स को लेकर भारत में विकल्‍प की तलाश जोरों पर है। चीनी ऐप वी चैट और व्‍हाट्सऐप की जगह टेलीग्राम ने ली तो इसी क्रम में ट्विटर की जगह लेने Koo App आ गया है। इस ऐप ने तहलका मचा दिया है और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस पर अकाउंट भी बना लिया है। इतना ही नहीं कई मंत्री इसका यूज भी करने लगे हैं। इस ऐप की चर्चा PM मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में भी की है। और वहीं से शुरू हो गया Twitter Vs Koo App, इस ऐप ने आत्मनिर्भर भारत एप्लीकेशन चैलेंज में भी हिस्सा लिया था। आपको बता दें कि बीते कुछ समय से ट्विटर और भारत सरकार के बीच अनबन चल रही है। क्योकि 26 जनवरी को किसान आंदोलन के नाम पर जो उपद्रव हुआ उसके बाद भारत सरकार ने करीब 250 ऐसे ट्विटर एकाउंट्स की लिस्ट ट्विटर कंपनी को दी जिनपर भड़काउ और आपत्तिजनक ट्वीट्स होने का हवाला दिया गया। ट्विटर ने तत्काल प्रभाव से इन्हे बंद कर दिया। अगले कुछ ही दिनों ट्विटर टीम ने इसकी जांच की और दुबारा इन सभी एकाउंट्स को रिस्टोर कर दिया, और रीज़न बताया कि एकाउंट्स में मिली सभी जानकारिया ठीक हैं और सरकार के नियम अनुकूल भी। जिससे सरकार और ट्विटर के बीच तनातनी और बढ़ गई। अब सरकार के बड़े बड़े मंत्री Koo App पर आकउंट बनाना शुरू कर दिए है। इस सन्दर्भ में कू ऐप का आना सीधे तौर पर ट्विटर को टक्‍कर माना जा रहा है। और अब Twitter Vs Koo App का गेम चल पड़ा है। तो आइए विस्‍तार से जानते हैं क्‍या है ये Koo App और एंड्रॉयड-आईफोन पर कैसे करें इसे डाउनलोड।

Twitter को टक्‍कर देने वाला Koo App, क्‍या है इसकी खासियत-

ट्विटर की तरह ही कू भी एक माइक्रोब्‍लॉगिंग ऐप है। साफ शब्‍दों में कहें तो ये एक मेड इन इंडिया ट्विटर है। अभी फिलहाल यह हिंदी और अंग्रेजी सहित आठ भारतीय भाषाओं में उपलब्‍ध हैं। कू ऐप को ऐप और वेबसाइट की तरह प्रयोग किया जा सकता है। इसका भी इंटरफेस ट्विटर जैसा ही है। इसमें शब्दों की सीमा 350 है। इस ऐप को यूज करने वाले यूजर फोटो, ऑडियो, वीडियो और लिखित कंटेंट शेयर कर सकते हैं। इस ऐप को भारत की आवाज कहा गया है। तो यहाँ से आपको कुछ Twitter Vs Koo App का मामला जरूर समझा आया होगा।

Twitter और Koo App में क्या है अंतर –

Twitter और Koo App में एक बड़ा अंतर है। जो हमें Twitter Vs Koo App का मतलब बताता है। ट्विटर अकाउंट बनाने के लिए आपको सिर्फ एक ईमेल आईडी चाहिए जबकि कू ऐप लॉग ऑन करने के लिए आपको एक वैलिड मोबाइल नंबर की जरूरत होती है। जब आप पहली बार कू ऐप डाउनलोड करेंगे तो आपको ओटीपी के माध्‍यम से मोबाइ नंबर वैरिफाई भी करना होगा। ऐप एंड्रॉइड और आईओएस दोनों OS पर उपलब्ध है। सुविधा के अनुसार इसे वेब ब्राउज़र पर भी एक्सेस किया जा सकता है। जो कि Twitter Vs Koo App दोनों के मामलों में जैसा ही है।

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ऐसे करें Koo App डाउनलोड –

Koo App आईफोन और एंड्रॉयड दोनों डिवाइस पर डाउनलोड किया जा सकता है। एंड्राइड फोन यूजर इस अप्प को गूगल प्‍ले स्‍टोर और एप्‍पल यूजर एप्‍पल स्‍टोर से इससे डाउनलोड कर सकते हैं। गूगल प्‍लेस्‍टोर पर इसकी रेटिंग 4.5 स्‍टार है तो वहीं आईओएस पर इसकी रेटिंग 4.11 स्‍टार है। एंड्राइड पर इस ऐप के अब तक करीब-करीब 1,000,000+ डाउनलोड हो चुके हैं। उल्‍लेखनीय है कि इंफोसिस के मोहनदास पाई की 3one4 कैपिटल की ओर से Koo App ने अपनी सीरीज ए फंडिंग के हिस्से के रूप में 30 करोड़ रुपये जुटाए हैं। वहीं इससे पहले कू को ऐक्सेल पार्ट्नर्ज, कालारी कैपिटल, ब्लूम वेंचर्ज और ड्रीम इंक्युबेटर से भी फंडिंग मिल चुकी है। इस ऐप के सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण हैं।

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